हाईवे की चुड़ैल

सूरत के रहने वाले रमेश पिछले साल नवरात के दिनों में कार ले कर अपने दोस्त दीपक के साथ सूरत से आष्टा आ रहे थे। रात के दो बजे होने के कारण रास्ता काफी सुनसान था।



      अचानक गाड़ी से करीब 100 मीटर की दूरी पर एक खूबसूरत औरत लिफ्ट मांगने का ईशारा करते नज़र आई।

       रमेश गाड़ी चला रहा था जबकि दीपक उसके बगल में बैठा था। औरत को देखते ही रमेश ने गाडी धीरे करने लगा…इसपर दीपक ने उसे टोका कि आजकल हाईवे पर इस तरह से गाड़ी रुकवाकर लूट-पाट की जा रही है। इसलिए तुम गाड़ी मत रोकना। गाड़ी चलाने दो।

       मगर रमेश ने गाड़ी ले जाकर उस औरत में पास रोक दी

और पूछा की आपको कहा जाना है, तो उस औरत ने जवाब दिया आष्टा।

       रमेश ने पीछे वाली सीट पर उसे बैठा लिया।

कुछ देर तक तो सब कुछ सामान्य रहा पर अचानक ही पीछे से उस औरत के हंसने की आवाज़ आने लगी।

      दीपक ने मुड़ कर के देखा तो उसके होश उड़ गए…और उसकी चीख निकल पड़ी।

      वो औरत दरअसल एक चुड़ैल थी…. उसने अपने लम्बे-लम्बे बाल आगे की तरफ झुका रखे थे…जिनके बीच से उसकी चमकती हुई डरावनी आँखें दिखाई दे रही थीं… उसके नाख़ून चाक़ू की तरह लम्बे थे और शरीर पर  मर्दों की तरह बाल थे। 

    चीख सुनकर रमेश ने फ़ौरन ब्रेक लगा दिया और गाड़ी खड़ी कर कूद कर भागने लगा।

      दीपक ने भी यही करना चाहा…लेकिन लाख कोशिश करने पर भी उसके साइड का दरवाजा नहीं खुला….कुछ देर बाद जब रमेश कुछ गाँव वालों को लेकर गाड़ी के पास पहुंचा तो वहां सिर्फ गाड़ी खड़ी थी।

      इस घटना के बाद दीपक का कभी कोई पता नहीं चला। रमेश भी कुछ दिनों बाद अचानक से बीमार पड़ गया और उसकी मृत्यु हो गयी।

पुलिस की तफ्शीश में पता चला कि उस इलाके में हर साल उसी दिन के आस-पास इस तरह की एक घटना घटती है। जिसकी वजह आज तक कोई नहीं समझ पाया।

  बीरबल की ठंडी हवा 

गर्मी का समय थे राजा अकबर अपने दरबार में बैठे थे गर्मी से सबका बुरा हाल था। राजा ने अपने सभी वाजीरो ओर जानकारों से कहा कि जो कोई भी बगीचे की ठंडी हवा महल में लेकर आयेगा उसे एक हज़ार स्वर्ण मुद्रा इनाम में दी जाएंगी।

Birbal-ki-thandi-hawa


         इस बात की घोषणा पूरे राज्य में करवा दो हमे केवल दो दिन में जवाब चाहिए। मंत्री ने ढिंढोरा पिटवाकर पूरे राज्य में घोषणा करवा दी कि जो कोई भी बगीचे की ठंडी हवा महल में लेकर आयेगा उसे एक हज़ार स्वर्ण मुद्रा इनाम में दी जाएंगी।

          इस बात की चर्चा पूरे राज्य में फेल गई ओर सब सोच विचार में पढ़ गए की बगीचे कि हवा महल में कैसे ले जाए। दो दिन बाद दरबार में सभी उपस्थित हुए लेकिन सबके चेहरे मुरझाए हुए थे राजा पूछा लाया कोई बगीचे कि ठंडी हवा मगर सबने अपनी गर्दन झुका ली तभी पीछे से आवाज़ आई महाराज आपकी हवा तौयार है।

          बीरबल अपने साथ बड़े बड़े पंखे इत्र, गुलाब जल, खसखस  से भीगे हुए थे जब बांधिए तो उनसे हवा की तो पूरे महल में  ठंडी ओर महकदार हवा फेल गए। यह देख सभी हैरान रह गए ओर राजा बहुत खुश उन्होंने इनाम की मुद्रा बीरबल को से दी।

 अच्छाइयां ओर बुराईय

         एक चौराहे पर तीन यात्री मिले तीनों के कंधे पर दो झोले आगे ओर पीछे लटके हुए थे। पहले यात्री ने अपनी पीछे के झोले में कुटुंबियों ओर उपकारी मित्रो की भालाईया भर रखी थी ओर सामने के झोले  के झोले में लोगो की बहुत सारी बुराइयां थी। पीछे के झोले पर उसकी नजर नहीं जाती थी ओर दूसरो कि बुराइयां उसके सामने थी वह सदा उन्हें देख कर चलता ओर मन ही मन कुढ़ता रहता।



          दूसरा यात्री ने अपने आगे के झोले में अपनी सारी अच्छाइयां लटकाई थी जिन्हें देख कर वह अपनी सराहना करता ओर बहुत खुश होता। पीछे के झोले में उसने अपनी बुराइयां लटकाई थी जिसपर उसकी कभी निगाह नहीं जाती थी। दूसरो को दिखाना नहीं चाहता था। पहले यात्री ने कहा- लेकिन दूसरो को तो तुम्हारी ये बुराइयां नजर आती है  तुम देखो या ना देखो। 

          दोनों यात्री ने तीसरे यात्री से पूछा के तुम्हारे इं आगे ओर पीछे के झोले में क्या है आगे का झोला तो काफी भारी दिख रहा है तो तीसरे यात्री ने जवाब दिया मेरे आगे के झोले में दूसरे लोगो की अच्छाइयों भलाइयों और गुणों को भर रखा है में इन्हे को सामने देख कर चलता हूं ओर मेरे पीछे के झोले में मैने दूसरो के बुराइयां भर रखी हे जिन्हें में कभी नहीं देखता ओर नीचे एक छेद कर रखा है जिससे वह बुराइयां गिर जाती है जिन्हे में भूल जाता हूं।

           उन दोनों यात्री ने कहा तुम इतना भोज लेकर क्यों चलते हो फेक दो इन्हे इससे कुछ नहीं होगा तो उसने जवाब दिया कि  इससे मुझे आगे बढ़ने का उत्साह मिलता ओर दूसरो के गुण नजर आते है जिससे मुझे काफी मदद मिलते है।