बीरबल की ठंडी हवा

  बीरबल की ठंडी हवा 

गर्मी का समय थे राजा अकबर अपने दरबार में बैठे थे गर्मी से सबका बुरा हाल था। राजा ने अपने सभी वाजीरो ओर जानकारों से कहा कि जो कोई भी बगीचे की ठंडी हवा महल में लेकर आयेगा उसे एक हज़ार स्वर्ण मुद्रा इनाम में दी जाएंगी।

Birbal-ki-thandi-hawa


         इस बात की घोषणा पूरे राज्य में करवा दो हमे केवल दो दिन में जवाब चाहिए। मंत्री ने ढिंढोरा पिटवाकर पूरे राज्य में घोषणा करवा दी कि जो कोई भी बगीचे की ठंडी हवा महल में लेकर आयेगा उसे एक हज़ार स्वर्ण मुद्रा इनाम में दी जाएंगी।

          इस बात की चर्चा पूरे राज्य में फेल गई ओर सब सोच विचार में पढ़ गए की बगीचे कि हवा महल में कैसे ले जाए। दो दिन बाद दरबार में सभी उपस्थित हुए लेकिन सबके चेहरे मुरझाए हुए थे राजा पूछा लाया कोई बगीचे कि ठंडी हवा मगर सबने अपनी गर्दन झुका ली तभी पीछे से आवाज़ आई महाराज आपकी हवा तौयार है।

          बीरबल अपने साथ बड़े बड़े पंखे इत्र, गुलाब जल, खसखस  से भीगे हुए थे जब बांधिए तो उनसे हवा की तो पूरे महल में  ठंडी ओर महकदार हवा फेल गए। यह देख सभी हैरान रह गए ओर राजा बहुत खुश उन्होंने इनाम की मुद्रा बीरबल को से दी।

0 comments:

Post a Comment

ak8893931@gmail.com