कब्ज
कब्ज (Constipation) एक ऐसी समस्या है जिसके कारण मरीज का पेट ठीक से साफ नहीं होता और शौच के दौरान काफी दिक्कतें आती हैं । इस कारण रोगी को कई बार शौच के लिए जाना पड़ता है। पेट साफ ना होने के कारण पूरे दिन आलस्य बना रहता है। किसी काम में मन नहीं लगता। कब्ज की परेशानी के कारण मल त्यागने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, घण्टों बैठे रहना पड़ता है। इतना ही नहीं व्यक्ति को बहुत सोच-समझकर खाना-पीना पड़ता है। क्या आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, क्या आप भी कब्ज से परेशान हैं, और कब्ज का घरेलू उपचार चाहते हैं?
कब्ज होने के कारण (Constipation Causes in Hindi)
कब्ज की बीमारी होने के कई कारण होते हैं, जो ये हैंः-
•भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना।
मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करना।
•पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना।
•समय पर भोजन ना करना।
•रात में देर से भोजन करना।
•देर रात तक जागने की आदत।
•अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना।
•भोजन पचे बिना ही दोबारा भोजन करना।
•चिन्ता या तनावयुक्त जीवन जीना।
•हार्मोन्स का असंतुलन या थायराइड की परेशानी होना।
•अधिक मात्रा में या लम्बे तक दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करना।
एवं और कई कारणों से कब्ज हो सकता है।
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कब्ज के निम्नलिखित उपाय हैं :-
• प्रात : उठते ही कुल्ला या दंत मंजन करके एक गिलास ठण्डा पानी पीकर इसके बाद एक गिलास कुनकुने गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर पी लें फिर शौच के लिए जाएँ ।
• सोते समय ठण्डे पानी या दूध के साथ इसबगोल 1-2 चम्मच मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें । इससे सुबह शौच खुलकर होता है ।
• सुबह का भोजन करने के बाद , एक छोटी हरड़ के बारीक टुकड़े कर मुंह में रख लें और लगभग घण्टे भर तक चूसते रहें । घण्टे भर तक इसे चूसने के बाद चबाकर निगल जाएँ । शरीर जब अत्यंत थका हुआ या अत्यंत दुर्बल , भूखा , प्यासा , अम्लपित्त बढ़ा हुआ या पित्त कुपित्त अवस्था में हो , तब हरड़ का सेवन नहीं करना चाहिए ।
• रात को सोते वक्त एक कप दूध में एक अंजीर और बीज निकली हुई दो बड़ी मुनक्का पकाकर खूब चबा - चबा कर खा लें और ऊपर से वह दूध भी पी लें । यह प्रयोग पुरानी से पुरानी कब्ज दूर करने में भी कारगर है ।
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