चुड़ैल का घर

                       चुड़ैल का घर

एक बार की बात है। कुछ लोग घूमने के लिए ग्वालियर जा रहे थे। वह एक जंगल के रास्ते से जा रहे थे जो बहुत डरावना था। काला घना जंगल चारो तरफ सन्नाटा था। थोड़ी जंगल पार करने के बाद अचानक उनकी गाड़ी खराब हो गई।
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 जंगल से अजीब सी आवाज़ आ रही थी दूर तक कोई साधन नहीं था तो सभी ने पैदल जंगल पार करने निर्णय लिया। सभी चल रहे थे तभी उनमें से एक व्यक्ति को अजीब सी आवाज़ आने लगी वो बहुत डर गया पर हिम्मत करके वह अकेला उस आवाज़ की तरफ जाने लगा। वहा पहुंच कर उसने देखा कि एक औरत वहा पर बैठ कर रो रही है। वह थोड़ा डर गया पर डरते हुए उसने उस औरत पूछा - आप क्यों रो रही है? तो उस औरत ने जवाब दिया कि यह से कुछ दूर पर मेरा घर है और मेरे पैर में चोट आई है में चल नहीं सकती। उस आदमी ने सोचा में उसकी मदद कर देता हूं और इनसे बाहर जाने के लिए रास्ता पूछा लूंगा। यह सोच कर उसने यह बात औरत से कहीं और उस औरत ने कहा ठीक है भैया।
दोनों रास्ते पर चल रहे थे। काला घना जंगल था उसे थोड़ा डर भी लग रहा था। चलते चलते रात हो गई और दोनों घर पहुंच गए घर थोड़ा डरावना था तो वो आदमी और डर गया पर औरत ने  कहा कि डरने कि कोई बात नहीं में यहां कई वर्ष से रह रही हूं।
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   खाना खा कर वह सो गया। अधि रात को जब उसकी नींद खुली तो वह बहुत बुरी तरह डर गया उसे अजीब सी डरावनी आवाज आ रही थी उसने उठ कर देखा तो वह हैरान रह गया वह औरत अजीब तरह के मंत्र पढ़ रही थी और देखते ही देखते वह चुड़ैल बन गई।
       वह आदमी डर गया और डर कि वजह से उसकी चीख निकल गई चुड़ैल ने उसे देख लिया और उसकी तरफ आने लगी वह डर गया और जंगल कि तरफ भागने लगा। डरावना जंगल था चारो तरफ से खतरनाक जानवरो की आवाज आ रही थी किन्तु वह भागता रहा और चुड़ैल उसके पीछे थी।
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     भागते हुए वह एक मंदिर में पहुंच गया और बेहोश हो गया। जब सुबह उसे होश आया तो उसने सारी घटना मंदिर के पुजारी को सुनाई।
   तब उस पुजारी ने उसे बताया - वह एक लड़की थी जो तन्त्र- मंत्र करती थी एक दिन उसका तंत्र उल्टा पढ़ गया और वो चुड़ैल बन गई। ऐसा माना जाता है कि पचास बली चढ़ान से वह वापिस ठीक हो जाएगी।

        एक सत्य घटना पर आधारित है गोपिन्यर रखनेके लिए थोड़ा परिवर्तन किया गया है।

                          (धन्यवाद)

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