जादुई मूर्ति

                                जादुई मूर्ति
  एक गांव में  मसाको नाम का एक लड़का रहता था। वह इतना गरीब था कि उसके पास चावल खरीदने तक के पैसे नहीं थे। वह अपनी बूढ़ी मां के साथ रहता था।
      एक दिन वह खाने कि तलाश में निकला था। पहाड़ पर उसे एक मूर्ति दिखाई थी तो उसने सोचा क्यों ना इससे मांग लूं उसने मूर्ति से कहा हे जादुई मूर्ति मेरी मदद करो।

      जादुई मूर्ति हिलने लगी ओर अपनी लाठी ज़ोर ज़ोर से आसमान में मारने लगी ओर तभी आसमान से अच्छा खाना गिरने लगा ये देख मसाको बहुत खुश हुआ लेकिन उसका पड़ोसी उसे देख रहा था ओर मसाको के जाते ही वह मूर्ति के पास आकर बोला मुझे अच्छा खाना दो जैसे तुमने उसकी दिया। मूर्ति ने अपनी लाठी आसमान मारी तो आसमान से कचरा गिरने लगा ओर वो वहा से चला गया।
      जल्द ही सर्दी का मौसम आ गया ओर मसाको के घर में खिड़की टूटे होने कारण ठंडी हवा घर में आने लगी जिससे उन्हें सर्दी लगने लगी।
      उसने सोचा मूर्ति से मदद मांगता हूं वह मूर्ति के पास जा रहा था तो उसके पड़ोसी गोसाको ने उसका पीछा किया ओर देखा कि जादुई मूर्ति आसमान में लाठी मार रही है ओर आसमान से काग़ज़ गिरने लगे मसाको उन्हें चिपका कर ठंडी हवा रोक सकता था।
     मसाको के जाते ही गोसको वहा आ गया और मूर्ति के हाथ से लाठी छीन कर खुद आसमान में मारने लगा ओर फिर आसमान से पत्थर गिरने लगे ओर गोसाको भाग गया।
जादुई मूर्ति रोज़ आसमान में लाठी मारती थी अच्छा ओर कीमती समान रोज़ गिरता था। यह सब देख गोसाको जलने लगा ओर उसने सोचा कि ये बात में राजा को बताऊंगा तो राजा से मुझे अच्छा इनाम मिलेगा। उसने यह सब राजा की बता दिया।
     राजा ने अपने मंत्री को मसाको को पकड़ने भेजा। यह बात मसाको को पता चल गई ओर वह अपनी बूढ़ी मा ओर जादुई मूर्ति के साथ भागने लगा ओर राज्य कि सीमा पर पहुंच गया।
      उसने वहा देखा के दूसरा देश उनके देश पर हमला करने आ रहा था वह डर गया और उसने यह बात राजा को बताने का फैसला किया जादुई मूर्ति ने आसमान में लाठी मारी तो एक सवारी आ गई जिससे वह राजा के पास जल्दी पहुंच गया ओर पूरी बात राजा को बता दी ओर राजा ने दूसरे देश को हरा दिया। 
     इससे मसाको को बहुत सारा धन मिला मास्को अब अमीर ही गया था उसने जादुई मूर्ति के लिए एक घर बनाया। कुछ दिन बाद मूर्ति वहा से गायब हो गई ओर उसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा।

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