दहेज प्रथा
एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। किसान का एक बेटा ओर एक बेटी थी। वह दिन रात मेहनत करता था ओर अपने परिवार का लालन पालन करता था। धीरे धीरे दिन गुजरने लगे अब उसकी लड़की बड़ी हो गई थी।
अब किसान को अपनी बेटी की शादी की समस्या सताने लगी दिन रात वह बस यही सोचता के बेटी के ब्याह के लिए में इतने रुपए कहा से लाऊंगा। उसने जो कुछ था उसी से उसकी बेटी की शादी करदी।
शादी के बाद जब वह ससुराल गई तो सास नन्द उसे ताहने देती ओर उसके साथ बुरा सलूक करती ओर जब वह अपने पति से कहती तो उसका पति उसे यह कहकर बहुत मारता के तेरे बाप ने दहेज में क्या दिया। एक दिन किसान अपनी बेटी के घर गया तो उसने देखा कि उसका पति उसे मार रहा ओर जब लड़की ने उसे देखा तो ऐसा नाटक करने लगा जैसे उसने कुछ देखा नहीं हो लेकिन वह अंदर ही अंदर रो रहा था।
कुछ दिन बाद किसान ने अपनी बेटी को हार दिया क्यूंकि वह मां बनने वाली थी। लेकिन किसान के जाते ही वह हार उस लड़की की नन्द ने छीन लिया। जब रात को उसने पति से बोला तो पति ने उसे गर्भावसथा में भी खूब मारा जिसके कारण उसका पेट में पल रहा बच्चा दुनिया में आने से पहले ही चला गया।
अब वह यह सेहेन कर के थक चुकी थी इसलिए उसने यह से भागने की योजना बनाई लेकिन ससुराल वालो को यह बात पता चल गई ओर उन्होंने उसे कमरे में बंद कर दिया। लड़की की सास ने कहा कि ये हमारे किसी काम की नहीं है, क्यों ना इसे चंपा बाई के यहां बेच दिया जाए।
लड़की का पति उसे चंपा बाई के यहां ले के गया वह बहुत रोई गिड़गिड़ाई मगर वह नहीं माना ओर उसे वहा छोड़ कर चला गया। अब वह ज़िंदा लाश की तरह जी रही थी लेकिन एक लड़का वहा आया ओर उसे जब उसके बारे में पता चला तो उसे बहुत अफसोस हुआ ओर उसने उसकी मदद की, दोनों ने मिल कर प्लान बनाया ओर प्लान के मुताबिक लड़की ने अपने ससुराल वाले को मिलने को बुलाया जब सब वहा पहुंचे तो उसने कहा माझी आप जैसा कहेंगी में वैसा करूंगी मगर आप मुझे यह से चलो मगर सास ने उसके साथ वहीं सलूक किया ओर पति ने उसे मारा यह सब वह लड़का कैमेरा में केद कर लिया ओर फिर दोनों ने मिल कर उन्हें सज़ा दिलवाई ओर दोनों ने एक दूसरे से शादी करली।
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