सिंड्रेला

               



                       सिंड्रेला


        एक राज्य में एक सिंड्रेला नाम की एक लड़की रहती उसकी सौतेली मां ओर एक सौतेली बहन थी वह उस पर बहुत अत्याचार करती थी।
         एक दिन सिंड्रेला अपने पापा की तस्वीर के सामने रो रही थी ओर के रही थी पापा आप मुझे छोड़ कर क्यों चले गए आपके बिना में अकेली हो गई हूं पापा, लेकिन में हिम्मत नहीं हरूंगी पापा में आपकी प्यारी बेटी हूं।
         सिंड्रेला के पास एक जादुई आईना था जो उसकी सौतेली बहन ने छीन लिया था उसकी बहन हमेशा उस आइने से पूछती, है आइने बताओ सबसे सुंदर कोन है ओर आईना हमेशा एक ही जवाब देता की सिंड्रेला सबसे खूबसूरत है यह सुन सिंड्रेला की बहन को बहुत गुस्सा आता ओर वह सरा गुस्सा सिंड्रेला पर उतारती थी।


         एक दिन सिंड्रेला बाहर गई थी,  उसे वहा एक जादूगरनी मिली उसने कहा में तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी ओर जादूगरनी ने जैसे ही छरी घुमाई सिंड्रेला एक सुंदर राजकुमारी बन गई ओर जादूगरनी ने कहा अब तुम जाओ लेकिन एक बात का ध्यान रखना बारह बजे से पहले तुम वापस आ जाना।
         सिंड्रेला राजकुमार के महल चली गई ओर राजकुमार को वह बहुत पसंद आई दोनों ने डांस किया  तभी बारह बज गए ओर सिंड्रेला वहा से जाने लगी लेकिन सीढ़ियों पर उसका एक जूता गिर गया जो राजकुमार ने उठा लिया और पूरे राज्य में घोषणा करवा दी के जिस के भी पैर में यह जूता आयेगा उसकी शादी राजकुमार से होगी राज्य कि सभी लड़कियों की लाइन लग गई लेकिन किसी के भी पर में वह जूता नहीं आया था।
         राजकुमार के सिपाही ने कहा राजकुमार एक घर बचा हे वहा से कोई नहीं आया क्यों ना हम वहा चल कर देखे, राजकुमार वहा पहुंचे तो पहले सिंड्रेला की बहन ने वह जूता पहना लेकिन वह उसको छोटा पड़ गया ओर फिर जब सिंड्रेला ने पहना तो सबकी आंखें फट गई क्यूंकि सिंड्रेला को वह जूता बिल्कुल ठीक तरह से आ गया था ओर सिंड्रेला की शादी। राजकुमार के साथ हो गई ओर वह खुशी खुशी रहने लगी।

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