मालिनी

मालिनी
   एक गांव में एक लड़की अपनी मां के साथ रहती थीं जिसका नाम मालिनी था। एक दिन मालिनी को लड़के वाले देखने आए वह लोग शहर से आए थे ओर काफी पढ़े लिखे लग रहे थे  उन्होंने  मालिनी को पसंद कर लिया ओर कहा हमे दहेज में एक भी रुपया नहीं चाहिए आप बस जल्द से जल्द शादी करवा दे, कुछ दिन बाद मालिनी कि शादी हो गई ओर वह अपने ससुराल चली गई।
Malini
Hindi story malini

        सुबह के चार बजे मालिनी की सास ने उसे आवाज लगाते हुए अरे ओ बहू ज़रा घर की झाड़ू तो लगा दो, मालिनी आंख मलते हुए बाहर आई और कहने लगी मा जी अभी तो सुबह के चार बजे है ल। मालिनी की सास ने चिल्लाते हुए कहा अरे तो क्या चार बजे सुबह नहीं होती है, हम गांव की लड़की लाए ही इसलिए है की जल्दी उठकर सारा काम करदे वरना मेरे बेटे के लिए लड़की की कोई कमी है।
       मालिनी कुछ नहीं बोली और सारा काम करने लगी। कुछ दिन बाद मालिनी की मां का फोन आया तो उसने बताया की उसकी तबीयत बहुत खराब है ओर वो उससे मिलना चाहती है। मालिनी ने अपनी सास से पूछा तो सास ने अरे तू चली जाएगी तो घर का काम को करेगा ओर वैसे भी तेरी कोई मर थोड़ी गई है।
        एक दिन मालिनी का पति एक लड़की को घर लेकर आया ओर कहने मां ये आज से मेरे साथ रमेरे कमरे में रहेगी ओर मालिनी तुम अपना बेड गेस्ट रूम में लगा लो। मालिनी ने कहा मगर एक पत्नी के होते हुए आप किसी और औरत को कैसे रख सकते है।
       मालिनी के पति ने कहा अगर तुझे इतनी परेशानी है तो निकल जाओ इस घर से, मगर मालिनी ने कहा आओ जैसा कहेंगे वैसा ही होगा मगर मुझे इस घर से ना निकालो में घर का सरा काम कर लूंगी। मालिनी को पेंटिंग का बहुत शौक था इसलिए वह पेंटिंग किया करती थी। एक दिन मालिनी ने ज़हर खा लिया लेकिन वह बच गई  जब यह बात उसकी मां को पता चली तो वहा आ गई ओर कहने लगी बेटा मालिनी तू यह सब झेल रही एक बार अपनी मां को बोल देती तो में तुझे यहां से कब की ले गई होती। 
     मालिनी की सास ने कहा ले जाओ इसे यह से हम इसे एक पल भी इस घर में नहीं रख सकते। मालिनी की मां ने कहा हम तुम पर मुकदमा दायर करेंगे लेकिन मालिनी ने माना कर दिया ओर पेंटिंग उठा कर वहा से निकाल गई। रास्ते में चलते चलते वह थक कार किनारे लगी कुर्सी पर बैठ गई, तभी वहा एक कार आकर रूकी ओर ओर कार से एक आदमी ने पूछा कि ये पेंटिंग कितने की है।
     मालिनी की मां ने कहा साहब मेरी बेटी ने ये पेंटिंग शोक के लिए बनाई थी मगर अब उसके पति ने उसे घर से निकाल दिया है इसलिए आप इस पेंटिंग का जो सही दाम समझे वो देदे, तो उस कार वाले ने कहा पास ही में मेरी अर्ट गैलरी है आप मेरे घर चले वहा आप पेंटिंग बनाना ओर हम उसे ऊंचे दाम पर बेचेंगे।
      मालिनी सुंदर - सुंदर पेंटिंग बनाती, धीरे धीरे उसकी पेंटिंग पूरे शहर में प्रसिद्ध हो गई एक दिन मालिनी कि तस्वीर अखबार में छपी तो मालिनी के पति ने वो फोटो देखी ओर अपनी मां से कहा देखो मां अलिनी की फोटो अखबार में छपी है ओर देखो वह कितनी अमीर हो गई है, चलो हम उसे घर ले आते है।
     जब वह मालिनी को लेने पहुंचे तो मलिनिं ने कहा मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है, मालिनी की सास ने कहा तो चलो घर वहा अच्छे से एहसास करना। मालिनी ने कहा मां जी मुझे इस बात का एहसास हो गया कि में ज़हर क्यों खाया जबकि इतना अच्छा भविष्य मेरी रह देख रहा था। हार कर मालिनी का पति ओर सास चले गए। अब मालिनी अपना जीवन सुखी से कांट रही थी।

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