खेलों ओर बेलो

खेलों ओर बेलो

एक गांव में दो बहनें रहती थीं। एक का नाम खेलों ओर दूसरी का नाम बेलो था ओर उनके साथ उनके चाचा रहते थे जिन्हें वह चाचा मुराद कहती थीं।


           एक दिन उनके चाचा ने कहा खेलों बेलो देखो सब अपने घर को कितना साफ सुथरा रखते है तुम भी रखा करो। दूसरे दिन वह काम से खाना खाने आए तो देखा के पूरे घर में कीचड़ हो रहा है उन्होंने पूछा ये इतना कीचड़ क्यों हो रहा है तो दोनों बहनों ने जवाब दिया कि अपने ही तो कहा था कि साफ सुथरा रखा करो तो अपने दीवारों को धोकर साफ कर दिया चाचा मुराद गुस्सा कर के चले गए। 
           एक दिन बाज़ार में तमाशा देखने के लिए सब जा रहे थे तो चाचा मुराद ने कहा खेलों बेलो तुम भी आ जाना लेकिन दरवाज़े का भरोसा मत करना ओर चाचा मुराद चले गए। दोनों बहनों ने दरवाज़े का एक एक पट उखाड़ लिया ओर उसे लेकर तमाशा देखने चली गई अब लोगो वहा पर तमाशा कम ओर उन दोनों को ज़्यादा देखने लगे जब चाचा ने देखा तो उन्हें घर ले जाकर डांटा और कहा ये क्या करा, दरवाजा की क कह कर गया था, तो दोनों बहनों ने जवाब दिया कि तुमने ही तो कहा था दरवाज़े का भरोसा मत करना। 
          कुछ दिन गुजर गए थे एक दिन चाचा मुराद ने कहा में काम से बाहर जा रहा हूं थोड़े दिन में लौट अयुंगा अगर जरूरत पढ़े तो किसी से किलो आधा किलो लेकर खा लेना आकर में वापिस कर दूंगा।
          दो तीन दिन बाद घर में सामान खत्म हो गया दोनों पड़ोसियों के गहर किलो आधा किलो के बाट ले अयी ओर उन्हें चूल्हे पर चढ़ा दिया। लोहे के बाट भी गलते है क्या खेर काफी देर हो गई जब बाट नहीं गले तो दोनों ने उसके पानी से ही काम चला लिया इसी तरह चार दिन गुजर गए लेकिन बाट नहीं गले उसी दिन चाचा भी आ गए और उन्होंने खाना मांगा तो वह एक प्लेट में दो बाट ओर थोड़ा पानी ले आई और चाचा को दे दिया चाचा ने देखा तो कहा ये क्या है, तो दोनों बहनों ने जवाब दिया अपने ही तो कहा था किलो आधा किलो लेकर खा लेना तो हमने ले लिए लेकिन ये गलते ही नहीं।
         चाचा मुराद ने दोनों को बहुत चिल्लाया ओर घर से बाहर निकाल दिया अब दोनों ने सोचा क्या करे तो उन्होंने कहा चल बेटी के यहां चलते है वह राजमहल में अपनी अच्छी सेवा करेगी। दोनों बेटी के यह गई, नोकर ने बेटी को बताया की आपकी मा मिलने आई है तो बेटी ने सोचा अगर उनको महल में रखा तो ये बहुत बेज्जती करवाएंगी, बेटी ने नोकर से कहा उन्हें भैंसो के तबेले में रुकने को कहो ओर में खाना ओर कपड़े दे रही हूं उन्हें दे देना।
          दोनों बहने खाना देख बहुत खुश हुई ओर कपड़े भी पहन लिए अब अधी रात को एक भैंस मूतने लगी तो खेलों कि नींद खुल गई ओर उसने बेलो को उठाया ओर कहा की बेलो देख लगता है भैंस का पेट फूट गया है। दोनों बहनों ने कपड़े उतार कर उसके पेट से बांध दिए थोड़ी देर बाद भेंस ने मूत लिया ओर बैठ गई। सुबह जब नोकर भैंस खोलने आया तो आया तो दोनों बहनों ने कहा भईया अंदर मत आना हमने कपडे नहीं पहने है जाकर बेटी से कहना के कपडे भेजे क्यूंकि रात को भेंस का पेट फूट गया था तो हमने कपड़े बांध कर उसके पेट को रोका।
           जब बेटी को नोकर बताया तो उसने कहा ठीक है ये सोने, ओर हीरे जवारत उन्हें दे देना ओर कहना यहां से चली जाए। नोकर ने उन्हें हीरे जवारत दिए ओर दोनों वहा से निकल गई। खेलों ने कहा बेलो देख बेटी ने भी निकाल दिया ओर उपहार दिया तो ये रेत ओर कंकर चल इसे नदी किनारे दबा कर घर चलते है दोनों ने उन्हें नदी किनारे दबा दिया ओर घर चली गई जब उन्होंने यह सब चाचा मुराद को बताया तो वह समझ गए कि बेटी ने रेत कंकर नहीं हीरे जवारात दिए होंगे। 
         चाचा ने पूछा तुमने वह कहा दबाया चलो मुझे लेकर चलो जब चाचा वहा पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वो हीरे ओर जवरात है। चाचा ने उन्हें निकाल लिया ओर तीनों आराम से रहने लगे।

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